पूर्व मंत्रियों को आवंटित बंगलों को लेकर योगी आदित्यनाथ से मिले मुलायम

लखनऊ- समाजवादी पार्टी के संरक्षक पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके सरकारी आवास 5 कालिदास पर मुलाक़ात की दोनों के बीच यह मुलाकात 30 मिनट तक चली सूत्रो के अनुसार कहा जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवंटित सरकारी बंगले को खली करने वाले सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लेकर चर्चा हुई माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पैदा हालात को लेकर और दूसरा रास्ता निकालने को लेकर चर्चा हुई। 7 मई 2018 को दिए अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवंटित बंगलों को अवैध करार देते हुए खाली करने का आदेश दिया है। जिसके बाद राज्य सरकार कोर्ट के आदेश का अनुपालन करते हुए सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को बंगला खाली करने का नोटिस जारी करने वाली है। जिसकी प्रक्रिया गतिमान है। जानकारी के अनुसार मुलाक़ात के दौरान मुलायम सिंह ने मुख्यमंत्री से सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने को कहा है। साथ ही बंगले को बचाने के लिए उपाय भी ढूढ़ने की आग्रह किया जानकारी के लिए बता दें सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव, एनडी तिवारी, कल्याण सिंह, राजनाथ सिंह और मायावती को आवास खाली करने पड़ेंगे। उत्तर प्रदेश में 1980 से पूर्व मुख्यमंत्रियों को ताउम्र आवास आवंटित किए जा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक कहा जा रहा है कि मुलाक़ात के दौरान अपना और बेटे अखिलेश के सरकारी बंगले को बचाने के लिए मुलायम ने सीएम योगी को एक फ़ॉर्मूला भी दिया है। जिसके मुताबिक मुख्यमंत्री विधानसभा और विधानपरिषद में नेता प्रतिपक्ष के नाम दोनों बंगले आवंटित किए जाएं। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी और विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन के नाम बंगला आवंटित होने से दोनों के आवास बच सकते हैं। हालांकि अभी यह नहीं पता चला है कि मुलायम के इस प्रस्ताव पर सीएम योगी ने क्या कहा है। लेकिन सरकार कोई रास्ता तलास कर सकती है क्योंकि सुप्रीमकोर्ट का आदेश सभी पर लागू हो रहा है। सभी को एक दिन पूर्व सीएम की लाइन में आना ही होगा।

-देवेन्द्र प्रताप सिंह कुशवाहा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

किसी भी समाचार से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है।समाचार का पूर्ण उत्तरदायित्व लेखक का ही होगा। विवाद की स्थिति में न्याय क्षेत्र बरेली होगा।