सत्तर फीट गहरे बोर में जीवन की जंग से लड़ती रही बालिका!बचाव का प्रयास जारी

मड़िहान-लापरवाही से बालिका की आवाज हुई बन्द,चार घंटे बाद पहुँची प्रशासन की टीम।
लालगंज थाना क्षेत्र के सहरसा गांव में माँ के साथ खेत पर गयी बालिका जमीन के गहरे बोर में गिर गयी।जानकारी होते ही परिजनों में कोहराम मच गया।मौके पर पहुँची पुलिस प्रशासन की टीम देर रात तक बचाने का प्रयास करती रही।
बताया जाता है कि स्थानीय गांव निवासी नजीर अपने खेत मे तीन माह पूर्व बोरबेल मशीन से आठ इंच का बोर कराया था।हला की उस समय बोर में पानी नही मिला था।और खुला ही बोर को छोड़ दिया।नजीर के खेत के बगल में सूर्यलाल आदिवासी का खेत है।सूर्यालाल अपने खेत मे गौशाला बनाकर पशुओं को रखता था।सूर्यालाल की पत्नी मंजू सोमवार को अपनी तीन वर्षीय पुत्री रुपांजली के साथ पशुओं को पानी पिलाने गयी थी।रुपांजली को एक स्थान पर बैठाकर मंजू पशुओं को पानी पिलाने लगी।कुछ देर बाद रुपांजली माँ की नजरों से ओझल हो गयी।नजर पड़ी तो बोर के पास देख माँ की सांसें थम गयी।रुपांजली को गोंद में उठाने के लिए माँ ज्यों ज्यों आगे बढ़ती गयी वह बोर की तरफ खिसकती गयी।कलेजे के टुकड़े को ज्यों ही उठाना चाही बालिका बोर में सर…से सरक गयी।नीचे सत्तर फिट गहरे बोर से रोने की आवाज तो आ रही थी।माँ की चीख पुकार पर दौड़े ग्रामीणों ने टार्च की रोशनी में देखा तो बोर के अंदर सही सलामत थी।सूचना पर पहुँची सौ नंबर पर पीआरबी पुलिस द्वारा बचाव जेसीबी से खुदाई कराकर बचाने का प्रयास करने लगे।जब तक स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुँची तब तक बोर से बालिका की आवाज बंद हो चुकी थी।
समाचार लिखे जाने तक आक्सीजन देने व बचाव के प्रयास जारी थे।मौके पर मड़िहान एसडीएम सविता यादव,सीओ आपरेशन केपी सिंह व अन्य अधिकारी कर्मचारी डटे रहे।

सुभाष मिश्रा मिर्जापुर

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