महिला का पुलिस पर रेप का प्रयास करने के आरोपियों को बचाने का आरोप

*महिला की न्याय न मिलने पर बड़ा कदम उठाने की धमकी
*न्याय पाने के लिए एसपी से लेकर सीएम तक लगाई गुहार लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं
*पुलिस महानिदेशक के आदेशों की पुलिस ही उड़ा रही है धज्जियां
*महिला ने आरोपियों पर लड़की के साथ गलत हरकत करने की धमकी देने का लगाया आरोप

रोहतक/हरियाणा- हरियाणा के पुलिस महानिदेशक के उस आदेश की उनकी ही पुलिस धज्जियां उड़ा रही है, जिसमें उन्होंने कहा था कि महिलाओं पर होने वाले अपराध को तुरंत संज्ञान ले लेकर कड़ी कार्यवाही की जाए। हैरानी की बात है कि पुलिस पीड़िता को न्याय दिलाने व आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई करने की बजाए उनका पक्ष लेकर उल्टा पीड़िता पर ही समझौता करने का दबाव बना रही है।
अब तो पीड़िता को अपने परिवार की सुरक्षा की चिंता भी सताने लगी है क्योंकि आरोपी पीड़िता के परिजनों को इसके गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दे रहे हैं। आज पीड़िता न्याय पाने के लिए एसपी से लेकर सीएम तक गुहार लगा चुकी है लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
रोहतक जिले के बसाना गांव की एक महिला की मानें तो कुछ लोगों ने उसके साथ रेप का प्रयास किया। उसे पीटा गया और उसके कपड़े तक फाड़ दिए गए लेकिन पुलिस ने हल्की धाराएं लगा कर आरोपियों को खड़े-खड़े जमानत दिलवा दी। अब महिला ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से न्याय के लिए गुहार लगाईं है।
सीएम को लिखे पत्र में महिला ने लिखा है कि 10 सितम्बर को शाम 5 बजे वीरेंद्र पुत्र सीताराम और सीताराम पुत्र सूरजमल ने उसके साथ मारपीट की और उसका रेप करने का प्रयास किया। महिला के मुताबिक़ उसने अपनी इज्जत बचाने के लिए दोषियों के ऊपर मिट्टी फैंक दी और अपनी इज्जत और जान बचाने के लिए प्रवीण पुत्र मलखान ठाकुर के घर में घुस गई।
पीड़िता ने बताया कि दो घंटे तक इस घर में छुपने के बाद महिला देवेंद्र पुत्र नंदराम और अमनदीप पुत्र हरी कृष्ण निवासी बसाना ने महिला को कपड़े लाकर दिए और उन कपड़ों को डाल कर उन लोगों के साथ वो अपने घर पहुंच पाई थी।
इस मामले में कलनौर थाने के आईओ धर्मबीर ने दोनों को बुला कर कोर्ट में पेश किया और धाराएं हल्की होने के कारण दोनों को जमानत मिल गई। महिला का कहना है कि न उसके फटे हुए कपड़े दिखाए गए और न ही मेरी इज्जत बचाने वाले गवाहों का कोई बयान लिया गया। महिला का आरोप है कि आरोपी पैसे वाले हैं और उन्होंने आईओ से सांठगांठ करके उन धाराओं को नहीं लगने दिया, जो धाराएं इस मामले में लगनी चाहिए थी।
सीएम को लिखे पत्र में महिला ने आगे लिखा है कि मुझ पर दबाव बना कर एक महिला एएसआई ने 164 सीआरपीसी का बयान करवा लिया। महिला के मुताबिक़ उससे कहा गया कि तेरी लड़की स्कूल में पढ़ती है और आरोपी बड़े लोग हैं, उनकी पहुंच ऊपर तक है। ये तेरी लड़की के साथ गलत हरकत कर सकते हैं।
पीड़िता के मुताबिक़ इस ये दबाव बना कर मुझे बयान करवा लिए गए। महिला ने सीएम को लिखा है कि इस मामले की जांच के लिए मैंने डीएसपी को लिखित शिकायत दी लेकिन कोई जांच नहीं करवाई गई। मैंने कई अन्य पुलिस अधिकारियों से न्याय के लिए गुहार लगाईं लेकिन मेरी किसी ने न सुनी।
महिला ने सीएम से मांग की है कि एफआईआर नंबर 403 थाना कलानौर रोहतक की ठीक से जांच करवाई जाए। मजिस्ट्रेट के सामने सीआरपीसी 164 के बयान करवाए जाएं ताकि वो पूरा मामला बता सके और सभी तथ्यों की जानकारी अदालत को दे सके।
पीड़िता ने आरोप लगाया है कि उसे अब भी डराया धमकाया जा रहा है। उसे और उसके परिवार को हर समय जान का खतरा है। उसका बेटा स्कूल नहीं जा पा रहा है, जिस कारण उसकी पढ़ाई चौपट हो गई है। महिला का कहना है कि अगर उसे न्याय नहीं मिला तो वह कोई बड़ा कदम उठाने को मजबूर हो जाएगी।

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