यौन दुराचार के आरोपी आसाराम की उम्मीदों पर फिरा पानी

राजस्थान/जोधपुर – यौन दुराचार के आरोप में सजा याप्ता कैदी आसाराम की उम्मीदों पर आज उस वक्त पानी फिर गया जब राजस्थान हाईकोर्ट ने पैरोल देने से स्पष्ट रूप से इंकार कर दिया। राजस्थान हाईकोर्ट जस्टिस संदीप मेहता व जस्टिस विनीत माथुर की खंडपीठ ने आसाराम की पैरोल पर सुनवाई करते हुए हस्तक्षेप से इंकार कर दिया। हालांकि आसाराम के अधिवक्ताओं के अनुरोध पर दुबारा जिला पैरोल कमेटी के समक्ष आवेदन की छूट अवश्य दी है।

आसाराम की ओर से उसके भाणजे रमेशभाई की ओर से राजस्थान हाईकोर्ट में दायर पैरोल याचिका दायर की थी। पूर्व में जिला पेरोल कमेटी द्वारा आसाराम के लिए मांगी गई बीस दिन की पैरोल अर्जी को खारिज कर दिया गया था। जबकि प्रथम पेरोल आसाराम का अधिकार है क्योकि पांच साल से अधिक समय होने के बावजूद अभी तक जेल में है जहा उसका आचरण भी संतोषजनक है। सरकार की ओर से पेश किये गये जवाब में कहा गया कि सजा के प्रकरण के अलावा आसाराम तीन अन्य प्रकरणो में वांछित है। साथ ही उसे आजीवन कारावास शेष प्राकृतिक जीवन तक सजा दी गई है ऐसे में पेरोल में कहा गया कि आसाराम ने एक चौथाई सजा पूरी कर ली है ऐसे मे प्रथम पैरोल उसका हक है लेकिन शेष प्राकृतिक जीवन तक सजा होने से गणना कैसे की जाये।
महानिदेशक कारागार ने राज्य सरकार से विधिक राज्य मांगी थी जिसमें भी पैरोल देने से इंकार कर दिया गया है। हाईकोर्ट ने स्पष्ट रूप से पेरोल देने से इंकार कर दिया सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवकुमार व्यास व उनके सहयोगी हनुमानसिंह गौड ने पक्ष रखा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

किसी भी समाचार से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है।समाचार का पूर्ण उत्तरदायित्व लेखक का ही होगा। विवाद की स्थिति में न्याय क्षेत्र बरेली होगा।