अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है फरिहा रेलवे स्टेशन

आजमगढ- फरिहा रेलवे स्टेशन अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। फरिहा रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के लिए बिजली,पानी और शौचालय की व्यवस्था नही है। ग्रामीणों के अनुसार अंग्रेजों के जमाने में स्थापित फरिहा रेलवे स्टेशन अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। ऐसा नहीं कि इस रेलवे स्टेशन से रेलवे विभाग को लाभ नहीं मिलता यहां से क्षेत्र के करीब सैकड़ों लोग हर दिन यात्रा करते है। इसके बावजूद रेल प्रशासन की अनदेखी लोगों की सोच से परे है। यहां रेल विभाग द्वारा स्थापित शौचालय हमेशा बंद रहता है जो यात्रियों के लिए उपलब्ध नहीं रहता है, रात के अँधेरे में सांप बिच्छू का डर हमेशा सताता रहता है। स्थितियां है कि यहां ना तो रात में प्रकाश की व्यवस्था ना ही ट्रेन से उतरने के बाद आने जाने वाले मार्ग की साफ-सफाई है। झाड़ से पटे रास्ते पर ही यात्रियों को अपने गंतव्य को जाना पड़ता है। आश्चर्य की बात है कि एक तरफ केन्द्र व प्रदेश सरकार स्वच्छता अभियान चलाकर शौचालय बना रही है,वहीं फरिहा रेलवे स्टेशन पर शौचालय व पेयजल की व्यवस्था ठीक नहीं है। इसके चलते सबसे ज्यादा परेशानी महिला यात्रियों को होती है,क्षेत्रीय लोगों के सहयोग से हाल्ट होते होते स्टेशन तो बच गया परंतु अपनी दुर्व्यवस्था पर आंसू बहा रहा है। क्षेत्र के समाजसेवी सुनील कुमार यादव, प्रदीप यादव ने मांग किया कि फरिहा रेलवे स्टेशन पर एक्सप्रेस ट्रेनों का भी ठहराव हो व अच्छी व्यवस्था हो। इस अवसर पर सचिन यादव, भोला यादव,नेता यादव,जवाहरलाल कम्युनिस्ट नेता हरमंदिर पांडे इत्यादि लोगों ने मांग किया।

रिपोर्ट-:राकेश वर्मा आजमगढ़

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