बसपा के पूर्व सांसद उमाकांत यादव समेत तीन पर गांधी आश्रम के भवन पर कब्जे का आरोप

आज़मगढ़- बसपा के पूर्व सांसद बाहुबली उमाकांत यादव समेत तीन पर गांधी आश्रम के भवन पर कब्जे के मामले में जहाँ आरोपी एक्स एमपी ने खुद का भवन होने का दावा किया वहीं पुलिस प्रशासन के अनुसार फैसला विरोध में आने के बाद भी उमाकांत ने जबरन कब्ज़ा किया था। पूर्व सांसद समेत 3 लोगों के खिलाफ फूलपुर कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी जिसमें सरायमीर स्थित गांधी आश्रम के कर्मचारी व फूलपुर क्षेत्र के पुराहादी गांव निवासी लालचंद यादव ने इस मामले में तहरीर देते हुए आरोप लगाया था कि फूलपुर क्षेत्र के पुराहादी अंबारी के पास गांधी आश्रम का भवन है। उक्त भवन पर ताला बंद था। वहीं दीदारगंज क्षेत्र के चकगंजाली शाह गांव निवासी व जौनपुर के मछलीशहर से पूर्व सांसद रहे उमाकांत यादव गांधी आश्रम के भवन को अपना भवन बता रहे हैं। पूर्व सांसद की शह पर परिवार व अन्य कुछ लोगों ने मिलकर चार अक्टूबर को गांधी आश्रम के उक्त सरकारी भवन का ताला तोड़कर उसमें रखा कुर्सी, बेंच, पंखा आदि सामान उठा ले गए। इतना ही नहीं गांधी आश्रम के उक्त भवन को गुलाबी रंग में पेंटिग कराने के बाद उस पर उमाकांत यादव का आवास लिखा दिया था। मामला संज्ञान में आने पर डीएम के आदेश पर मंगलवार को फूलपुर एसडीएम, तहसीलदार समेत भारी पुलिस फोर्स मौके पर पहुँचकर ताला तोड़कर उमाकांत का नाम हटाकर गांधी आश्रम उत्पत्ति केंद्र लिखा। वही मंगलावार की शाम पूर्व सांसद उमाकांत यादव ने प्रेस वार्ता कर अपने ऊपर लगे आरोपो का खण्डन करते हुए कहा कि सन 1990 से आज तक खसरा-खतौनी में उस नम्बर पर मेरा ही नाम है और इसी बीच मैं उस ज़मीन पर अपना मकान बना कर आज तक क़ाबिज़ हूँ जिसको लेकर न कभी कोई विवाद हुआ और न ही कभी उस पर गाँधी खादी ग्रामोद्योग का नाम चढ़ा लेकिन लेकिन लालचंद्र, तहसीलदार फूलपुर और इंसपेक्टर फूलपुर के साथ मिलकर ज़बर्दस्तीमेरा नाम मिटवाकर खादी ग्रामोद्योग का नाम लिखवाया है केवल मेरी ज़मीन हड़पने के उद्देश से वही पूर्व सांसद ने कहा की प्रशासन के इस कृत्य से उत्तर प्रदेश सरकार को भी बदनाम करने की कोशिश की गयी है। वही उमाकांत यादव ने कहा कि मैं अपनी बात शासन के सामने रखूँगा और मुझे पुरी उम्मीद है कि सरकार द्वारा मुझे न्याय मिलेगा।

रिपोर्टर:-राकेश वर्मा आजमगढ़

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