लखनऊ-मिशन 2019 की तैयारी में जुटे विभिन्न राजनीतिक दलों को वोट बैंक बटोरने की फिक्र सताने लगी है। ऐसे में 14 अप्रैल को बाबा साहब भीमराव रामजी आंबेडकर जयंती पर राजनीतिक रंग चढऩा स्वाभाविक है। दलितों को लुभाने की होड़ में सभी प्रमुख दलों ने कार्यक्रम घोषित करके अपनी ताकत आजमाने की कोशिश की है। बाबा साहब को लेकर छिड़ी रार के बीच भाजपा की जयंती मनाने की रणनीति व्यापक है।
आंबेडकर जयंती पर चढ़ेगा सियासी रंग
बहुजन समाज पार्टी मंडल स्तर पर समारोह आयोजित करेगी। लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में मायावती स्वयं मौजूद रहेंगी। एससी-एसटी एक्ट को लेकर जारी घमासान के बीच मायावती अपना दलित वोट बैंक संभाले रखने के लिए हरसंभव जतन करेंगी। गत विधानसभा व लोकसभा चुनावों में खराब प्रदर्शन और भाजपा के दलित कार्ड की काट करने को बसपा आंबेडकर जयंती कार्यक्रमों के प्रति अधिक सचेत है
मोदी सरकार आंबेडकर जयंती पर 14 अप्रैल से पांच मई तक ग्राम स्वराज अभियान का आयोजन कर रही है
वामपंथ मनाएगा संविधान बचाओ दिवस
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माले) ने 14 अप्रैल को संविधान बचाओ दिवस के तौर पर आंबेडकर जयंती मनाने का निर्णय लिया है। पार्टी ने दो अप्रैल को भारत बंद के दौरान हुईं हत्याओं की भी जांच कराने की मांग राज्य सरकार से की है।
-लखनऊ से अनुज मौर्य की रिपोर्ट