उत्तराखंड के रिखणीखाल में खस्ता हाल है स्वास्थ्य सेवा

रिखणीखाल/उत्तराखंड – रिखणीखाल ब्लॉक विधानसभा लैंसडौन में यूं तो 2 हॉस्पिटल है। 25 बैड का हॉस्पिटल जो रिखणीखाल में स्थित है व 4 बैड का हॉस्पिटल जो अंदर गाँव ( बड़ियार गाँव) में स्थित है। अंदर गाँव का हॉस्पिटल रेनुवेट होकर तैयार हो चुका है जिस को रेनुवेट करने का कुल खर्चा 82 लाख रुपये था। यह हॉस्पिटल करीब 40 साल पुराना है। फ़िलहाल हॉस्पिटल का भवन मानकों में तो फिट बैठता है मगर भवन के सियाव यहाँ बाकी कोई सुविधा नही है। 14 महीने का समय होने के बाद भी हॉस्पिटल का भवन 30 महीने में तैयार हुआ और जल्दबाजी में हॉस्पिटल खोलने का नतीजा आज क्षेत्र भुगत रहा है।
वर्तमान में इस हॉस्पिटल में 1 आयुर्वेदिक डॉ व 2 नर्स है हॉस्पिटल में कोई चतुर्थश्रेणी कर्मचारी नही है तो गंदगी का अम्बार लगा होता है। डॉ व अन्य नर्स को बिना सफाई काम करने में जो दिक्कत होती है वह बयां नही कर सकते है। यहाँ स्टाफ दवाइयों के अभाव में खाली खानापूर्ति पर दिन ब्यतीत कर रहे है। क्षेत्र के करीब 89 गाँव इस हॉस्पिटल पर निर्भर है जिन की कुल आवादी 17 हजार है। गौरतलब हो कि रिखणीखाल के 25 बैड वाले हॉस्पिटल की भी हालत कमोवेश यही है। रिखणीखाल से 85km दूर कोटद्वार में ही अन्य हॉस्पिटल की वैकल्पिक ब्यवस्था हो सकती है। क्षेत्र में 108 सेवा दम तोड़ चुकी है। 2 एम्बुलेंस गाड़ियों में डीजल नही है व 1 के टायर नही है। अंदर गाँव के हॉस्पिटल में पानी की कोई ब्यवस्था नही है। मरीजों को दवाई खाने व इंजेक्शन लगाने के लिए भी पानी नही है। हॉस्पिटल में आये इक्यूपमेंट जैसे के तैसे रखे हुए है। दवाइयों के बिना हॉस्पिटल में स्टाफ़ खाली बैठा रहता है जिस से मरीजों का तांता कोटद्वार की तरफ़ जा रहा है। रिखणीखाल का दुर्भाग्य है कि क्षेत्र में अन्य कोई निजी हॉस्पिटल भी नही है और अगर समीपवर्ती ब्लॉक नैनीडांडा का रुख भी किया जाता है तो वहां हॉस्पिटल भूत बंगले में तब्दील है।
क्षेत्र के प्रभुत्व लोगों से अपील है कि इस हॉस्पिटल को जीवित रखने के लिए आवाज बुलंद करें। क्षेत्र के विधायक इस सम्बंध में संज्ञान लें। खण्ड विकास अधिकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी इस क्षेत्र के बारे में सोचें तो सारी सम्भावना यहीं मिल जाएगी।

– देवेश आदमी

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