रुड़की /हरिद्वार- बहुत कठिन है डगर पनघट की जी हां फिलहाल ये पंक्तिया राष्ट्रीय राजमार्ग 58 पर बने हुए बड़े बड़े गड्डो के लिए सटीक बैठ रही है । ज़रा सी चूक और बड़ा हादसा कभी भी घट सकता है । रुड़की मिलिट्री चौराहे से लेकर गांव बिजौली तक मार्ग पूरी तरह मौत का मार्ग बना हुआ है पर यहाँ से गुजरने वाले माननीयो और नोकरशाहो को ये गड्ढे शायद नही दिखायी दे रहे है । डबल इंजन कि सरकार में डबल गड्डो की भरमार है ।
अगर आप राष्ट्रीय राजमार्ग 58 पर सफर तय कर रहे है तो ज़रा सावधानी से क्योंकि बिझौली गांव से लेकर रुड़की मिलट्री चौराहे तक ये मार्ग बेहद ही खतरनाक हालत में है ज़रा सी चूक भारी पड़ सकती है । कावड़ यात्रा के बाद इसके हालात और बदतर हो गए शिव भक्तों को भी इसी मार्ग से दो चार होना पड़ा । चौराहे से लेकर ओवर ब्रिज तक तो शासन और प्रशासन के मुहं पर खुला तमाचा है और माननीय की आंखे खोलने के लिए काफी है । यहाँ एक फ़ीट से लेकर डेढ़ फीट गहरे और दो से पांच फीट छोड़े गड्ढे बने हुए है । मार्ग के दोनों ओर गहरायी बन गयी है साथ ही दोनों और हल्की सी बारिश के बाद तालाब बन के बाद कीचड़ से लोगो को गुज़रना पड़ता है ।
खैर स्थानीय जनता तो इससे दो चार होती पर शर्मनाक वाली बात ये है कि रुड़की शुरू होते ही ये तस्वीरें उत्तराखण्ड आने वाले पर्यटकों ,यात्रा सीजन में आने वाले यात्रियों , श्रधालुओ को शिक्षा नगरी और देवभूमि की प्यारी तस्वीर बयां कर देती है । वो अपने चौपहिया महंगे वाहनों को यहाँ इस मार्ग पर हिंडोला बनते हुए देखते है ।
कावड़ यात्रा से पहले बड़े बड़े अधिकारियों ने कावड़ पटरी और राष्ट्रीय राजमार्ग 58 का जायज़ा लिया । हालात देखे गए पर सही नही हो पाए । सरकारी सिस्टम और माननीयो के मुहं पर ये- 5- किलोमीटर का मार्ग बड़े तमाचे से कम नही है साथ ही विकास की डोर को भी खूब बयां कर रहा है ।
– रूडकी से इरफान अहमद की रिपोर्ट