कटान से बेघर हुए ग्रामीणों की भूख हड़ताल डीएम के आश्वासन पर समाप्त

आजमगढ़- घाघरा के बाढ की कटान से बेघर हुए ग्रामीणों की मांगों को लेकर चलाया जा रहा भूख हड़ताल व धरना प्रदर्शन मंगलवार को पांचवें दिन भी जारी रहा। जिलाधिकारी के निर्देश पर एसडीएम सगड़ी दोपहर में धरना स्थल पर पहुंचकर भूख हड़ताल पर बैठे सुग्रीव निषाद व रामदीन निषाद को जूस पिलाकर धरना समाप्त कराया और एक माह के भीतर समस्त मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया। इसके पूर्व ग्रामीणों ने आल इंडिया फिसरमैन कांग्रेस के जिलाध्यक्ष अधिवक्ता संत विजय निषाद के नेतृत्व में जिलाधिकारी को ज्ञापन सौपकर मांगों को पूरा करने की मांग किया। धरने को सम्बोधित करते हुए श्री निषाद ने कहाकि जुलाई 2017 में घाघरा नदी में भीषड़ बाढ़ आने की वजह से नौबरा देवारा जदीद किला प्रथम व देवारा जदीद विकास नगर गांव की समस्त कृषि भूमि व मकान कटकर घाघरा नदी में विलीन हो गई। तत्कालीन जिलाधिकारी द्वारा आराजी नम्बर 3937 स्थित नौबरार देवारा जदीद किता प्रथम में आवासीय पट्टा किया गया था, लेकिन सरकार द्वारा दिये गये मदद में लेखपाल व प्रधान ने ग्रामीणों के खिलाफ साजिश करके उनको उनकी आर्थिक तौर पर मिली मदद से भी अछूता रखा। जिसकी वजह से ग्रामवासियों को रहने के लिए मकान नहीं है। लोग खुले आसमान के नीचे रहने को विवश है और खेती करने के लिए जमीन नहीं है। कहाकि ग्रामवासियों का राशन कार्ड तक नहीं है कि दो वक्त की रोटी का जुगाड़ हो सकें। गांव में कई हजार एकड़ भूमि नवीन परती, बंजर आदि के रूप में पड़ी है। लालचंद निषाद ने कहाकि अगर जिला प्रशासन हमारी समस्याओं का समाधान नही किया तो ग्रामीण जिले में होने वाले प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में पहुंचकर अपनी बातों को रखेंगे। धरने में रामलवट निषाद, नौमी, रामदीन, सुखई, नरायन, रामबचन, प्रभावती, माया , सीताराम, मंती, संती, फुला, समवता, कुसुम, रामपत, खेदनी, मगरी, जित्तू, सहावली, खोतरी, देवंती, गीता, जोखई, छविलाल, जगवंता आदि मौजूद थे।

रिपोर्टर-:राकेश वर्मा सदर आजमगढ़

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