कमिश्नर ने वरूणा कॉरिडोर का पुनः डिस्लीटिंग एवं ड्रेन्चिग कराये जाने का दिया निर्देश

वाराणसी। कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने 201 करोड़ की लागत से निर्माणाधीन वरूणा कॉरिडोर के कार्य प्रगति पर गहरी नाराजगी जताते हुए यूपीपीसीएल के अभियंता को दो टूक हिदायत देते हुए कहॉ कि अप्रैल तक कार्य पूरा नही हुआ, तो जिम्मेदारी भी तय होगी और कार्यवाही भी। वरूणा नदी में तैरते गंदगी एवं पॉलिथिन को देख कमिश्नर ने सिचाई विभाग के अभियंता से पूछा कि चैनेलाइजेशन कार्य के बावजूद नदी में गंदगी कैसे है और नदी की सफाई समुचित तरीके से क्यों नही करारा गया। उन्होने कार्य में खानापूर्ति न किये जाने की सख्त हिदायत दी। वरूणा नदी को स्वच्छ एवं उसके प्रवाह को अविरल बनाये जाने हेतु चैनेलाइजेशन कार्य का उद्देश्य बताते हुए कमिश्नर ने यूपीपीसीएल एवं सिचाई विभाग के अभियंता को मौके पर श्रमिको की संख्या बढाकर तीन शिफ्ट में कार्य कराये जाने का निर्देश दिया।
कमिश्नर दीपक अग्रवाल बुधवार को वरूणा कॉरिडोर, चौकाघाट-लहरतारा फ्लाईओवर सहित शहर में कराये जा रहे निर्माण परियोजनाओं का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होने वरूणा नदी पर कचहरी के पास बने दोनो पुल पर दोनो साइड में जाली लगाये जाने का निर्देश दिया। ताकि ऊपर से लोग नदी में गदंगी न फेकने पाये। उन्होने वरूणा नदी में गंदगी को साफ कराये जाने हेतु डिस्लिटिंग एवं ड्रेन्चिग कराये जाने का भी निर्देश दिया। उन्होने वरूणा कॉरिडोर का निर्माण कार्य प्रत्येक दशा में अप्रैल तक पूरा कराये जाने हेतु युद्वस्तर पर अभियान चलाने का निर्देश देते हुए कहॉ कि वे स्वयं इसके प्रगति की साप्ताहिक समीक्षा करेगें। चौकाघाट-लहरतारा फ्लाईओवर के निर्माण कार्य के निरीक्षण के दौरान धीमी प्रगति पर भी नाराजगी जतायी। जून तक कार्य पूरा कराये जाने की तय समयसीमा बताते हुए उन्होने सेतु निगम के अभियंता से पूछा कि 165 गाटर अभी लांच किया जाना शेष है और 2 माह में 35 गाटर ही लॉच किया गया है। तब तीन माह में कार्य पूरा कैसे होगा। जबकि लगभग 50 पाइल्स अभी बनाया जाना भी शेष है। सेतु निगम के अभियंता द्वारा समय से कार्य पूरा करा लिये जाने के बाबत दिये गये भरोसे पर सवाल उठाते हुए कमिश्नर ने श्रमिको एवं मशीनों की संख्या बढाते हुए तीन शिफ्ट में युद्वस्तर पर अभियान चलाकर 30 जून तक कार्य को हर हालत में पूरा कराये जाने का निर्देश दिया। उन्होने एक दिन में कम से कम से दो गाटर को लॉच किये जाने लक्ष्य देते हुए कहॉ कि तब तीन माह में कार्य पूरा हो सकेगा। उन्होने सेतु निगम के अभियंता को निर्देशित करते हुए कहॉ कि कार्य के दोरान किसी भी प्रकार की समस्या आये, तो तत्काल् अवगत कराये। किन्तु कार्य को हर हालत में जून तक पूरा कराये। इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता बर्दास्त नही किया जायेगा। कमिश्नर ने नगर निगम द्वारा टाउनहाल में रि-डेवलपमेंट का कराये जा रहे कार्य को मानक के अनुरूप न होने पर नाराजगी जतायी तथा पेटिंग आदि कार्य मानक के अनुरूप कराये जाने का निर्देश दिया। उन्होने हदय योजनान्तर्गत निर्माणाधीन सड़को, पार्को का सौन्दर्यीकरण, हेरिटेज स्थलों पर मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता, लगाये जा रहे हेरिटेज पोल एवं लाईट, आईपीडीएस द्वारा कराये जा रहे भूमिगत वायरिंग, गेल द्वारा शहरी गैस वितरण प्रणाली योजनान्तर्गत कराये जा रहे कार्यांे, बीएचयू में निर्माणाधीन महामना पं0 मदन मोहन मालवीय कैसर सेन्टर, सुपर स्पेसिलिटि हास्पिटल के अलावा गंगा प्रदुषण नियंत्रण इकाई एवं जलनिगम द्वारा कराये जा रहे कार्यो का भी सथलीय निरीक्षण किया। कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने कार्यदायी संस्थाओं के अधिकारियों को कड़े निर्देश देते हुए कहॉ कि अपने-अपने विभागीय निर्माण कार्यो को हर हालत में निर्धारित अवधि में पूरा कराये जाने हेतु युद्वस्तर पर अभियान चलाये तथा कार्य के दौरान स्थलीय सत्यापन भी अवश्य करे। उन्होने कार्यो का समय से एवं गुणवत्ता के साथ पूरा कराये जाने की भी हिदायत दी। उन्होने गेल के अधिकारी को भी युद्वस्तर पर अभियान चलाकर एक सप्ताह के अन्दर कार्य पूरा कराये जाने का निर्देश दिया। ताकि सड़क का मरम्मत कार्य शीघ्र पूरा कराया जा सकें।
निरीक्षण के दौरान अपर आयुक्त प्रशासन ओमप्रकाश चौबे, संयुक्त विकास आयुक्त राजीव बनकटा सहित सिचाई, यूपीपीसीएल, सेतु निगम, लोक निर्माण विभाग, आईपीडीएस, गेल आदि कार्यदायी संस्था के अधिकारी एवं अभियंता प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

रिपोर्ट-:महेश कुमार राय वाराणसी सिटी

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