काफी हर्ष और उल्लास के साथ मनाया गया सूर्य उपासना का महापर्व चैती छठ

बिहार/मझौलिया- गुरुवार के दिन चनपटिया और साठी थाना के बॉर्डर स्थित नव युवक पूजा समिति सतवरिया के द्वारा शिकरहना नदी के तट पर सूर्य उपासना का महापर्व चैती छठ काफी हर्ष और उल्लास के साथ मनाया गया । चैत्र मास के शुक्ल पक्ष में आने वाला त्यौहार को चैती छठ कहा जाता है। त्यौहार को बिहार झारखंड उत्तर प्रदेश एवं भारत के पड़ोसी देश नेपाल में भी हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है । वहीं यह त्यौहार में सूर्य भगवान के साथ देवी षष्टि की भी पूजा की जाती है । षष्टि माता और सूर्य भगवान को प्रसन्न करने के लिए स्त्री एवं पुरुष दोनों ही व्रत रखते हैं । यह पर्व संतान आरोग्य व मनोकामनाएं की पूर्ति के लिये रखा जाता है । इस ब्रत को श्रद्धापूर्वक रखने से छठी माता अपने भक्तों पर कृपा बरसाती है । और उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती है । नहाए खाए से सप्तमी के पारणा तक व्रत रखा जाता है। इस दौरान लौकी की सब्जी और अरवा चावल को खाने का विशेष महत्व होता है हिंदू पुराण के अनुसार ऐसा करने से मां को पुत्र की प्राप्ति होती है वही वैज्ञानिक मानवता के अनुसार महिलाओं का गर्भाशय मजबूत होता है। बताते चलें कि छठ पूजा के कई नामों से जाना जाता है । छठ पूजा, छठ ,छठी माई, छठ पर्व और सूर्य षष्ठी व्रत आदि । पुरानी मान्यताओं के अनुसार सूर्य की पूजन करने से चर्म रोग और आंखों की बीमारी से भी छुटकारा मिलती है। छठ पूजा की शुरुआत महाकाल से सूर्यपुत्र कर्ण से प्रारंभ हुई थी वह प्रतिदिन गंगा में खड़े होकर अर्घ्य देते थे ।और सूर्य की कृपा से महान योद्धा बने। यह पर्व संतान और परिवार की खुशहाली के लिए किया जाता है।

– राजू शर्मा की रिपोर्ट

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