कोटा में संचालित की जा रही है अवैध मंडी: प्रतिमाह की जा रही है लाखों रुपए के मंडी समिति शुल्क की चोरी

नागल/सहारनपुर- नागल कोटा बस स्टैंड पर राजकीय कन्या इंटर कॉलेज के पास चलाई जा रही अवैध मंडी में प्रतिमाह लाखों रुपए के मंडी शुल्क की चोरी की जा रही है। बताया जाता है कि मडकी, नया गांव, कुराली, कोटा, रामनगर, सीडकी, सीदपुरा, बोहडुपुर,नन्दनपुर,डँघेडा,भारापुर,माल्ली छाछरेकी,पुन्डैन, भलस्वा व बालाचौर आदि दर्जनभर गांवों में बड़े पैमाने पर मौसमी सब्जियों की बहुतायत में खेती होती है।, अपनी उपज को किसान मंडी में न ले जाकर कोटा स्थित आढत पर कांटे से तौलाई कर कोटा स्थित आढतियों को बेच देते हैं। जिस में प्रतिदिन इलाके से करीब 100 से अधिक ट्रैक्टरों में लोकी, तुरई, खीरा, ककड़ी, भिंडी, हरी मिर्च व शिमला मिर्च आदि के लगभग 5000 से अधिक नग डीसीएम व ट्रकों से भर कर देश भर की बड़ी मंडियों में भेजे जाते हैं।
कुराली निवासी किसान सोनू, प्रमोद व बीर सिंह, बालाचौर निवासी इसमपाल, कपासी के तेजपाल व भूरा, सीदपुरा के धनराज व बलजीत, उमाही के फरमान व इम्तियाज अली आदि दर्जनों सब्जी उत्पादकों ने बताया कि उन्हें इस मंडी में अपने माल की तुलाई के बाद नकद पैसा मिल जाता है, तथा वें आढत के रूप में मंडी संचालक को 2 रुपए प्रति नग अदा करते हैं।
इस संबंध में मंडी संचालक से मंडी लाइसेंस व मंडी शुल्क के बारे में जानकारी की गई तो उन्होंने बताया कि यह काम तो ऐसे ही चलता आ रहा है हम मंडी समिति को प्रतिमाह एक तय रकम देते हैं वें इस रकम का मंडी शुल्क काटे या नहीं यह उन पर निर्भर है।

इस संबंध में मंडी सचिव सहारनपुर अनिल कुमार ने बताया कि क्षेत्र के भलस्वा, कोटा, उमाही अथवा सीडकी में मंडी विभाग का कोई लाइसेंस नहीं है और ना ही से क्षेत्र से मंडी शुल्क आ रहा है, उन्होंने क्षेत्रीय मंडी निरीक्षक चंद्रवीर सिंह को मामले की जांच करने को कहा तथा मौके पर मंडी समिति द्वारा गठित सचल दल भेजा जो कि औपचारिकता पूरी कर मंडी लाइसेंस लेने की चेतावनी देकर चला गया।

मंडी समिति के नियमानुसार किसान अपनी फसल को बिना कांटा लगाए कहीं भी ले जा सकता है लेकिन मंडी नियमावली के अनुसार यदि किसी दुकान अथवा आढत पर कोई व्यापारी कांटा लगा कर किसान से फसल खरीदता है तो उस पर मंडी शुल्क देय होता है, कुछ लोग मंडी कर्मचारियों की मिलीभगत से लाखों रुपए के मंडी शुल्क की चोरी कर सरकार को चूना लगाने में लगे हैं।

– सुनील चौधरी सहारनपुर

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