जेल के तीन बंदीरक्षकों को जेल डीआइजी ने किया निलंबित

आजमगढ़- जेल में उपद्रव, तोड़-फोड़ व मोबाइल फोन की बरामदगी के मामले में प्रथमदृष्टया जांच में दोषी पाए गए जेल के तीन बंदीरक्षकों को जेल डीआइजी अर्पणा गांगुली ने मंगलवार को देर रात निलंबित कर दिया। इसी के साथ ही इस मामले में डीएम ने जेल अधीक्षक, जेलर व सर्किल कारापाल के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को जांच रिपोर्ट प्रेषित कर दिया है। डीएम के पत्र से उक्त तीनों अधिकारियों के भी खिलाफ कार्रवाई होना तय माना जा रहा है।गुरुवार को जेल के बैरक नंबर पांच में बिस्तर बिछाने की बात को लेकर हुई मारपीट में एक बंदी घायल हो गया था। इस घटना की जांच के लिए दूसरे दिन शुक्रवार की दोपहर को एडीएम प्रशासन नरेंद्र सिंह व एसपी सिटी कमलेश बहादुर ने जेल की बैरकों की तलाशी कराई तो बैरकों से 35 मोबाइल फोन, एक दर्जन चार्जर व सात ईयर फोन बरामद हुए थे। पुलिस की इस कार्रवाई को लेकर बंदी भड़क गए और जेल में जमकर उपद्रव की। डीएम शिवाकांत द्विवेदी, एसपी प्रो0 त्रिवेणी सिंह ने पुलिस फोर्स के साथ पहुंच कर पांच घंटे बाद उग्र बंदियों को किसी तरह से शांत कराया था। जेल में हुए उपद्रव के मामले में तीन अलग-अलग मुकदमा दर्ज कराए गए है। जेल डीआइजी अर्पणा गांगुली उपद्रव के दूसरे दिन ही जांच के लिए जिले में आई। वह तीन दिनों से जेल की तलाशी के साथ ही उक्त घटना की जांच कर रही हैं। वहीं डीएम के निर्देश पर एडीएम प्रशासन व एसपी सिटी ने जांच पूरी कर अपनी रिपोर्ट एसपी व डीएम को सौंप दिया। उक्त जांच रिपोर्ट पर डीएम ने दोषी पाए गए जेल अधीक्षक अनिल गौतम, जेलर हरीश कुमार के साथ ही उक्त सर्किल के कारापाल के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को पत्र प्रेषित कर दिया। पूछे जाने पर डीएम ने कहा कि चुनाव आचार संहिता के चलते शासन आयोग से अनुमति लेने के बाद आगे की कार्रवाई करेगी। इधर घटना की जांच कर रही जेल डीआइजी ने दोषी पाए जाने पर जेल के बंदी रक्षक आशुतोष सिंह, छोटेलाल व जमीउल्लाह को मंगलवार की रात तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। जेल डीआइजी ने मंगलवार को भी बंदियों के साथ ही बंदीरक्षकों, जेलर व अधीक्षक का बयान दर्ज किया। जेल आइजी चंद्रप्रकाश से जब फोन कर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उनकी पिता की तबीयत खराब है और वह दिल्ली में हैं, जबकि जेल डीआइजी से संपर्क किया गया तो कॉल रिसीव नहीं हुई।
जेल में हुए उपद्रव, तोड़-फोड़, मारपीट व भारी संख्या में मोबाइल आदि की हुई बरामदगी के मामले को जिला प्रशासन के साथ ही शासन ने भी गंभीरता से लिया है। घटना के दिन उपद्रव करने वाले व बंदियों को उकसाने में मुख्य भूमिका निभाने वाले जेल में निरुद्ध बंदियों को प्रशासन ने चिह्नित कर लिया है। एसपी प्रो0 त्रिवेणी सिंह ने बताया कि चिह्नित किए गए दो दर्जन बंदियों को इटौरा जेल से दूसरे जनपदों के जेलों में स्थानांतरित करने के लिए डीएम शिवाकांत द्विवेदी ने शासन को पत्र भेज दिया है। शासन से अनुमति मिलने के बाद उक्त चिह्नित किए गए सभी बंदियों को दूसरे जिलों के जेलों में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। सूत्रों की मानें तो प्रशासन ने जिन बंदियों को चिह्नित किया है उनमें पूर्व मंत्री अंगद यादव, कुख्यात बदमाश श्यामबाबू पासी, सचिन पांडेय, उमैर समेत अन्य बंदी शामिल हैं।

रिपोर्ट-:राकेश वर्मा आजमगढ़

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