पहाडों की रानी मसूरी में भारी बर्फबारी बनी आफत: रास्तों में जमी बर्फ, राहत-बचाव कार्य शुरू

देहरादून/मसूरी – मसूरी धनोल्टी नेशनल हाईवे में भारी बर्फबारी के बाद जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. बर्फबारी ज्यादा होने से बड़ी संख्या में यात्री फंसे हुए है. मसूरी-धनोल्टी हाईवे पर सुवाखोली, बुरांसखंडा क्षेत्र में अभी भी बड़ी संख्या में पर्यटक जगह-जगह फंसे हैं. यात्रियों की परेशानी को देखते हुए जिला प्रशासन और एसडीआरएफ ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है। मसूरी धनोल्टी हाईवे में पीडब्लूडी की भी तीन जेसीबी सड़क से बर्फ हटाने में जुटी है. वहीं, एसडीआरएफ की भी टीम धनोल्टी पहुंच चुकी है. मसूरी एसडीएम मीनाक्षी पटवाल ने कहा कि सुवाखोली तक जो भी गाड़ियां फंसी हुई थी, वो निकाल ली है और अब किसी भी गाड़ी को मसूरी धनोल्टी हाईवे पर नहीं जाने दिया जा रहा है. वहीं, इस रोक के बाद भी लेकिन जिला प्रशासन की रोक के बाद भी पर्यटक बड़ी संख्या में पहुंच रहे है।
बर्फबारी के बाद बढ़ी दिक्कत:-
मसूरी धनोल्टी क्ष्रेत्र में हुई भारी बर्फबारी एक और सेब की फसलों के वरदान साबित हुई है, तो दूसरी और स्थानीय लोगों की मुश्किलें बढ़ गई है. पूरे क्षेत्र में बिजली भी नहीं है और नलों में पानी जम गया है. पशुओं के लिए चारे की समस्या खड़ी हो गई है।
मौसम विभाग ने फिर जारी किया अलर्ट:-
मौसम विभाग ने उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में भारी बर्फबारी के अलर्ट बरकरार है. मौसम विभाग की मानें तो अगले 48 घंटो में देहरादून, उत्तरकाशी, रुदप्रयाग, चमोली, पिथौरागढ़ और नैनीताल में भारी बारिश और बर्फबारी का अनुमान है. मौसम के बदले मिजाज से पूरे पर्वतीय इलाकों में शीतलहर का प्रकोप बढ़ गया है।
खुली आपदा प्रबंधन विभाग की पोल:-
प्रदेश में भारी बर्फबारी ने आपदा प्रबंधन विभाग की पोल खोल दी है. मौसम विभाग के अलर्ट के बाद भी शासन प्रशासन ने पर्यटकों को धनोल्टी की और जाने से नहीं रोका बल्कि जब पर्यटक फंसे हुए थे तो उन्हें रेस्क्यू करने में में भी तेजी नहीं दिखाई।
2014 में हुई थी ऐसी बर्फबारी:-
2014 में ऐसी बर्फबारी हुई थी जब मसूरी, धनोल्टी और आस-पास की पहाड़ियां बर्फ से ढक गई थी. इस साल बर्फबारी ने 2014 का भी रिकॉर्ड तोड़ दिया है. आगे भी बर्फबारी के आसार बने हुए हैं. पिछले दो दिनों में हुई बर्फबारी केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री,यमुनोत्री, हेमकुंड साहिब, फूलों की घाटी, औली, चोपता, मुनस्यारी, रानीखेत और चकराता की पहाड़ियां कुदरत के सफेद रंग में रंगी हुई हैं।

– हरिद्वार से तसलीम अहमद

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