पारा लुढ़का लेकिन गर्मी बरकरार: खेती किसानी में बिन बारिश सुस्ती,मानसून का बेसब्री से इंतज़ार

मध्यप्रदेश/ तारादेही- जिले से लेकर नगर से लेकर गांव तक में मानसूनी दस्तक का वक्त हो चला है लेकिन बारिश पूर्व मौसम व माहौल न बन पाने से किसानों के बीच गाहे बगाहे मानसून को लेकर चर्चाएं हो रही है इधर पारा गिरने के बावजूद उमस भरी गर्मी बरकरार रहने से परेशान जनसामान्य को भी झमाझम बारिश का इंतजार है इस साल पड़ी जोरदार गर्मी के बाद अब अच्छी वर्षा का अनुमान लगाया जा रहा है।गौरतलब है कि जिले में 15 से 21 जून के बीच आमतौर पर बारिश दस्तक देती है लेकिन पिछले कुछ सालों से यह मिथक टूट सा गया है नौतपा खंडित होने के बाद विलंब से बारिश हुई।पिछले दो सालों से तो औसत बारिश भी रिकार्ड नहीं हुई लिहाजा किसान मौसम विभाग द्वारा इस साल सामान्य बारिश के दिये जा रहे पूर्वानुमानों पर भी यकीन नहीं कर रहे हैं मौसम से लोगों का भरोसा इस कदर टूट चुका है कि बारिश होने पर ही बारिश मानी जाती है।

बारिश से तय होगा रुख :-

मौजूद खरीफ सीजन में किसानों द्वारा भले ही अपने स्तर पर बोवनी की तैयारियां कर ली गई है तथा कृषि विभाग द्वारा भी क्षेत्ताच्छादन करते हुये बोवनी के रकबा में इजाफा किया गया है लेकिन बोवनी का असल रुख सीजन की शुरुआती बारिश से ही तय होगा।यदि मानसूनी बारिश के साथ ही मानसून पूरी तरह सक्रिय रहता है तो निश्चित तौर पर किसान जोखिम लेते हुये उम्दा किस्म की धान की बोवनी करेगा लेकिन बारिश पिछड़ती गई तो कम दिनों वाली धान की बोवनी की जायेगी बहरहाल किसानों का मानना है कि यदि अषाढ़ की शुरुआत में ही अच्छी बारिश हो गई और बोवनी हो गई तब तो उपज पक्की है लेकिन बाद की बारिश में पिछड़ती बोवनी से उपज में संशय हो जाती है।

बैचेन कर रही बादल छाए रहने के कारण उमस:-
इसी सप्ताह बीच बीच में कुछ जगहों पर आंधी तूफान के बीच हुई बारिश का इंतना फर्क आया कि 40 पार पारा लुढ़ककर 30डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया लेकिन गिरते पारे के बावजूद इसका असर सामान्य जनजीवन में नहीं देखा जा रहा है आज भी वैसी ही गर्मी बैचेनी उमस बरकरार है बारिश तो हो नहीं हो रही ऊपर से अंधड़ की वजह से जहां पेड़ पौधे गिरने से लोगों की जान जा रही है वहीं बिजली आपूर्ति पर बुरा असर पड़ा है।
– कुलदीप ठाकुर, तारादेही दमोह

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

किसी भी समाचार से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है।समाचार का पूर्ण उत्तरदायित्व लेखक का ही होगा। विवाद की स्थिति में न्याय क्षेत्र बरेली होगा।