मुफ्ती साहब ने पूरी जिंदगी आपने इल्मो अमल से लोगो को फैजयाब किया

•उलामा व सामाजिक लोगो ने कि आपने मोहसिन की बारगाह मे खिराजे अकीदत पेश

संभल- दारूल उलूम मखदूमिया चौधरी सराय में सालाना उर्स-ए-फ़ारूक़ी हामिदी कादरी बड़ी शानो-शौकत के साथ मनाया गया । उलामा ने शहज़ादऐ मख़दूमे मिल्लत हज़रत अल्लामा मुफ्ती मौहम्मद फारूक हामिदी क़ादरी के इल्मी व अमली जिंदगी पर रोशनी डाली। अकीदतमंदो ने उनके अमल को अपनी जिंदगी में उतारने का संकल्प लिया ।
शहर के चौधरी सराय-अलीगढ़ बस अड्डे के पीछे स्थित दारूल उलूम मखदूमिया में सोमवार (पीर) को उर्स-ए-फ़ारूक़ी हामिदी कादरी का आयोजन किया गया । जिसकी शुरुआत हाफिज मोहम्मद वसीम ने तिलावते कुरान-ए-पाक व मौलाना हसीबुर्रहमान तथा हाफिज मोहम्मद कासिम ने बारगाहे रिसालत में नात पढ़ कर की। अंजुमने उर्स को खिताब करते हुए मौलाना सुलेमान अशरफ हामिदी ने कहा कि शहज़ादऐ मख़दूमे मिल्लत हज़रत अल्लामा मुफ्ती मौहम्मद फारूक हामिदी ने अपनी तमाम जिंदगी दीन की खिदमत में गुजार दी। उन्होंने अपने इल्मो अमल से लोगों को रूहानी फैज़ पहुंचाया कुरान व हदीस की तालीम को आम किया । मुफ्ती-ए-आजम संभल मुफ्ती कारी अलाउद्दीन अजमली ने कहा कि अल्लामा मुफ्ती मौहम्मद फारूक हामिदी अलैहिर्रहमा के दीनी मिशन को आगे बढ़ाना है । उन्होंने सैकड़ो किताबे लिखी जिसे पढ़कर लोग अपनी दीनी इस्लाह कर फैजयाब होते हैं। कायदे एहले सुन्नत मौलाना नफीस अख्तर अशरफी ने हज़रत की इल्मी जिंदगी पर रोशनी डालते कहा अल्लामा मुफ्ती मौहम्मद फारूक हामिदी अलैहिर्रहमा ने दारूल उलूम मखदूमिया कायम कर इल्म का पौधा लगाया है जिसमें तालिबे इल्म तालीम हासिल कर उनके पैगाम को आगे बढ़ा रहे हैं। मौलाना तोसीफ मिसबाही ने इत्तेहाद की दावत देते हुए कहा कि इस वक्त सलासिले तरीकत के नाम पर आपस मे एक दूसरे को लडाने वालो से होशियार रहे और मजबूती के साथ मसलके अहले सुन्नत पर कायम रहे। मौलाना तालिब मिसबाही ने कहा कि औलिया से मुहब्बत करना दुनिया व आखिरत मे कामयाबी का बेहतरीन जरिया है। मुफ्ती दानिश-उल कादरी मुरादाबादी ने इसलाहे उममत व अजमते औलिया पर बयान करते हुए समाज मे फैली बुराईयो से दूर रहने की मांग की। के अलावा दूसरे जिलों से आए उलामा ने भी अपने ब्यानात फरमाए । उर्स-ए-फ़ारूक़ी में सैकड़ो की तादात में अकीदतमंदो ने शिरकत की । मौलाना नूरानी मियां ने दुआ कराकर कुल शरीफ की रस्म अदा कराई। दारूल उलूम मखदूमिया के सरबराह मौलाना सुलेमान अशरफ हामिदी ने सभी का शुक्रिया अदा किया। बाद में लंगर तकसीम किया गया । इस मौके पर,सूफी मुबीन अहमद, मौलाना मौ अशरफ़ सराफ़ा ,कारी इरफान लतीफी, मौलाना फाजिल, मुफ्ती नसीम, मौलाना गय्यूर नूरी,मौलाना आलमगीर,मौलाना शुऐब,मौलाना मौहम्मद अली मिस्बाही, मौलाना शफी,कारी मुदससिर,मौलाना तालिब हुसैन,कारी बदरे आलम, हाफिज मन्नान अशरफ , कारी बुरहान अशरफ, मौलाना शौकत मिसबाही, सय्यद सईद मियाँ रामपुर,कारी हबीबुर्रहमान (बिलारी)कारी मुजीबुर्रहमान (कुंदरकी) कारी नदीम (दिल्ली) कारी हारून( सिरसी) कारी मतीन अशरफ, कारी बिलाल, कारी मुशर्रफ, मौलाना मुकीम कुरैशी, हाजी वाहिद हुसैन, हाजी तहजीब आलम, मक़सूद हुसैन, चौ अशरफ़ अली, चौ मुशीर खां ,हाजी अली हुसैन, आरिफ प्रधान,शहज़ाद खां, नेता अशफाक, शुऐब एड, सय्यद वामिक अली, हाजी अली हुसैन, शकील एड अशरफी, तौकीर अहमद, शबाब खां ठेकेदार, हाजी राशिद खां, डा शहजाद आलम, हाजी जफीर, ताहिर खाॅ, शाहनवाज संभली, मौलाना नईम, शफीक अशफाकी, चौधरी सुआलेहीन रजा, मुखिया तालिब हुसैन, हाजी मरगूब अंसारी, हाजी ज़हीर अहमद, सय्यद गुलजार हाशमी, मेम्बर मुख्तार, मास्टर शमशीर, डाक्टर काजिम, डाक्टर शुजात, अकरम पहलवान, कासिम नौशाही, हाशिम नौशाही, मुहम्मद अहमद नौशाही, रिजवान अशरफी, सालिम खान अशरफी, हाजी सालिम खान, उसमान नौशाही, यासीन कादरी, फहीम अशरफी, हाफिज फरमान, अदनान अशरफी, वसीम अशरफी, अजीम रजा, काजी मुमताज, मौलाना शहादत, हाफिज नासिर अशरफी, मुहम्मद फहद, पापुल भाई, यामीन बरकाती,हाफिज रेहान, सय्यद मंजूर, इमरान सैफी, जहागीर चिश्ती, अरमान वारसी, साबिर अब्बासी, शकील अहमद चुम्मन, शारिक जीलानी,मुजीब वापसी, सैय्यद तलहा मियां, सैय्यद हम्माद मियां, सैय्यद मिन्हाजुल क़ादिर,शकील वारसी, के आलावा सैकड़ो लोग उपस्थित रहे।मौलाना फैजान अशरफ ने आने वाले सभी महमानों का शुक्रिया अदा किया !
उर्स-ए-फ़ारूक़ी को कामयाब बनाने मे शहर की मजहबी तंजीमो का भी सहयोग रहा।

-सम्भल अंतिम विकल्प से सैय्यद दानिश की रीपोर्ट

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