यहां तो प्राथमिक विद्यालय चल रहा है सहायक अध्यापक के भरोसे: आखिर कैसे बदलेगी शिक्षा की सूरत

*2010 से ही नहीं है प्रधानाध्यापक की तैनाती
टांडा शिक्षा क्षेत्र के बेलासपुर में है प्राथमिक विद्यालय
*विद्युत व्यवस्था जर्जर खुले हैं सभी जोड़
*प्रधान की लापरवाही से टूट गया मुख्य गेट अभी तक नहीं लगा गेट
*दो कक्ष में चलाई जा रही है पांच तक की कक्षाएं
*शौचालय तो है पर पानी नहीं
*आग से बचाव के लिए फायर सिलेंडर भी फेका मिला भोजनालय में
अम्बेडकरनगर,ब्यूरो। प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था को लेकर भले ही सरकार गंभीर रही है लेकिन ऐसा लगता नहीं कि संबंधित अधिकारी भी व्यवस्था सुधारने में सरकार का साथ दे रहे हैं। भौतिक संसाधन के साथ – साथ बच्चों के जीवन की सुरक्षा की भी जिम्मेदारी आखिर किसकी है बात कर रहे हैं टांडा शिक्षा क्षेत्र अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय बेलासपुर की तो यहां के प्राथमिक विद्यालय में 2010 से प्रधानाध्यापक के तैनाती नहीं है और यहां की हालत देख नहीं लगता कि बच्चे इस विद्यालय प्रांगण में सुरक्षित है क्योंकि यहां विद्युत कनेक्शन की हालत जर्जर है खुले तारों का जमावड़ा सभी कमरों में देखने को मिला। वहीं दूसरी तरफ पता चला कि प्रधान ने ही समर शेबुल लगवाया था उसी दौरान विद्युत सप्लाई का कार्य भी प्रधान ने स्वयं कराया था और खुले तार को खुला छोड़ कर चल दिए थे यहां पर तैनात अध्यापकों के द्वारा कई बार प्रधान से कहे जाने पर उनके तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। बात करते हैं मुख्य गेट यानी प्रवेश द्वार की तो यह भी प्रधान की लापरवाही के कारण ही टूट कर पिलर तक गिर गया क्योंकि प्रधान ने उक्त विद्यालय में किसी की जेसीबी खड़े करने के लिए अनुमति दे दिया था और जेसीबी चालक व प्रधान की लापरवाही के कारण गेट टूट गया जिसकी मरम्मत जेसीबी मालिक और ग्राम प्रधान ने अभी तक नहीं करवाया है।
दूसरी तरफ देखा गया कि दो कमरे में 5 कक्षाएं चलाई जा रही है इसके बारे में पूछे जाने पर तैनात हेड मास्टर के चार्ज पर मौजूद एक अध्यापिका ने बताया कि बच्चों की संख्या और अध्यापकों की कमी के कारण ऐसा किया गया है जबकि उक्त विद्यालय में 3 अध्यापक की तैनाती है तो इसका क्या मतलब हुआ कि सभी अध्यापक दो कमरे में बैठकर बच्चों को शिक्षा देंगे ऐसा कोई नियम तो नहीं! मुक्त विद्यालय में तैनात अध्यापकों ने कहा कि गांव के लोगों से काफी परेशानियां होती हैं बाउंड्री ऊंची और मुख्य गेट ना होने से गांव के कुछ शरारती तत्व घुस आते हैं और विद्यालय में गंदगी फैलाते हैं जिसकी शिकायत ग्राम प्रधान से की गई थी लेकिन अभी तक कोई सुधार नहीं आया है बल्कि और बढ़ गया।
अब बात करते हैं शौचालय व्यवस्था की तो यहां पर शौचालय तो हैं लेकिन पानी की व्यवस्था समुचित नहीं है छोटे बच्चे हैं बाल्टी में पानी तो लेकर आ नहीं पाएंगे इसलिए यहां शौचालय के लिए टंकी की व्यवस्था की गई टोटियां भी लगी है टंकी भी लगा है वायरिंग भी हुई है लेकिन टंकी में पानी नहीं है ,और बात करते हैं आग से बच बचाव के लिए तो यहां पर इसकी भी व्यवस्था खत्म देखी गई क्योंकि ना तो यहां फायर सिलेंडर दिखा और ना ही कोई अन्य सामग्री जब जानकारी के लिए पूछा गया तो पता चला कि फायर सिलेंडर जब से आया है तब से प्रयोग नहीं हुआ है और भोजनालय में रखा हुआ है जबकि नियम यह है कि फायर सिलेंडर या तो कक्ष में लगे होने चाहिए या फिर कार्यालय कक्ष में जो कि वहां ऐसा देखने को नहीं मिला।
इन सभी बिंदुओं पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से प्रतिक्रिया जानने की कोशिश में जब दूरभाष पर संपर्क किया गया तो उनका फोन ना उठने पर जिला विद्यालय निरीक्षक को फोन किया गया और बिंदुओं पर प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कहा कि सभी बिंदुओं पर जल्द ही एक नया चित्र देखने को मिलेगा।
– अखंड प्रताप सिंह अम्बेडकरनगर,ब्यूरो रिपोर्ट।

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