विस्थापन और विकास से संबंधित ज्ञापन तौड़िया गांव के लोगों ने सांसद को सौंपा

पौड़ी गढ़वाल/उत्तराखंड- कार्बेट नेशनल पार्क के अंदर कोर जोन में बसे जनपद पौड़ी के विकास खंड रिखणीखाल के ग्रामसभा कांडा का अभिन्न अंग तैड़िया गांव के लोगों ने कोटद्वार में एक कार्यक्रम के दौरान पौड़ी गढ़वाल लोकसभा क्षेत्र के सांसद तीरथ सिंह रावत को विस्थापन और विकास से संबंधित ज्ञापन सौंपा । ज्ञापन में ग्रामीण एवं विस्थापन एवं पुनर्वास संघर्ष समिति के अध्यक्ष डॉ अम्बिका प्रसाद ध्यानी ने कहा कि इस संबंध में वे राज्य सरकारों से लेकर केंद्रीय मंत्रियों तक तथा प्रधानमंत्री तक गुहार लगा चुके हैं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।कहा कि वन्य प्रशासन द्वारा धारा,झिरना व कोठीरौ के सन् १९९२में विस्थापन किये जाने के बाद कोर जोन में बसे हुए तैड़िया एवं बफर जोन में बसे पांड गांव को भी विस्थापित कर इन जगहों को वन्य जीवों के स्वतंत्र चौड़ रूप में विकसित किया जाएगा।वर्ष २००५/०६ से लेकर २००९ /२०१३ तक वन विभाग ने रामनगर, काशीपुर,आमपोखरा और जसपुर रेंज के भू-भाग भी दिखाये, लेकिन अलग-अलग भूखंड होने व डूब क्षेत्र संभावित होने पर सहमति नहीं बनी। यद्यपि २०१६ की निदेशक कार्बेट नेशनल पार्क , क्षेत्रीय विधायक महन्त दिलीप रावत व ग्रामीणों के साथ लिखित सहमति बनी । बावजूद जमीन के बदले जमीन व मुआवजा की बात हुई। लेकिन वनाधिकारियों व सचिव स्तर पर तीन बार बैठक की तारीख तय होने पर भी बैठकें नहीं हो पाई। ग्रामीणों ने बताया कि कठोर वन कानूनों के चलते गांव में आज इस विकास के दौर में भी कोई कार्य नहीं किया गया। ग्रामसभा से लेकर ऊपर किसी भी मद के लिए ग्रामीण आज तक याचक बनकर रहे।जो कि गांवों को संरक्षित व पलायन रोकने का झांसा दिया जा रहा है वह धरातल पर इससे बड़ा उदाहरण क्या हो सकता है। अब देखना यह है कि ग्रामीणों के सब्र का इम्तिहान सरकारें कब तक लेती रहेंगी।

– बिनीता ध्यानी,रिखणीखाल

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