सामाजिक बदलाव में वैज्ञानिक नजरिए की भूमिका(IITBHU)

वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण केंद्र के सेमिनार हॉल में बीएचयू स्टडी सर्किल के द्वारा आयोजित ”सामाजिक बदलाव में वैज्ञानिक नजरिये की भूमिका”विषय पर एकल व्याख्यान का आयोजन किया गया।इस व्याख्यान के मुख्य वक्ता आईआईटी बीएचयू के प्रो.राकेश कुमार सिंहा जी थे।
‘बीएचयू स्टडी सर्किल’ को मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित करते हुए IIT के प्रोफ़ेसर राकेश कुमार सिन्हा ने कहा कि ब्रह्मांड की उत्पत्ति ब्लैक होल बिग बैंग और समय के संदर्भ में स्टीफन हॉकिंस द्वारा किया गया काम न केवल विज्ञान के लिहाज से बल्कि समाज की चेतना में परिवर्तन के लिहाज से भी महत्वपूर्ण है। प्रोफ़ेसर सिन्हा ने कहा कि कहा कि प्रयोगशाला में प्रयोगों के जरिए विज्ञान के काम को सत्यापित करना संभव है ।लेकिन सामाजिक विज्ञान के क्षेत्र में ऐसी कोई सहूलियत नहीं है प्रोफेसर सिन्हा ने कहा कि भारत में लोकतंत्र की विशिष्टता और स्वीकार्यता को देखते हुए लोकतंत्र के दायरे में ही परिवर्तन की बात की जानी चाहिए इस संदर्भ में वर्ग और जाति के अंतर्विरोधों को भी गहराई से समझना होगा।
व्याख्यान की शुरुआत मालवीय जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण से शुरू की गई।विषय का प्रवर्तन सुनील यादव ने किया।रणधीर सिंह ने संचालन की भूमिका निभाई और संतोष कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।इस कार्यक्रम में विकाश राय, प्रिया भारती,शिवेंद्र कुमार मौर्य, धर्मेंद्र यादव, कुलदीप मीणा, आशीष मौर्य, संजय कुमार प्रजापति,संजय सिंह,उदय पाल, हरेन्द्र कुमार,मो.असीम अंसारी,सीपी, राजेश यादव,अजय,सौरभ, नित्यानंद,सतीश,अनिल कुमार सिंह और अन्य दर्जनों छात्र उपस्थित रहे।

रिपोर्ट महेश कुमार राय वाराणसी सिटी

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