हज का सफर महंगा हो जाने पर रोष

सम्भल- सम्भल के मोहल्ला सराय तरीन में जुमे की नमाज के बाद ह्यूमन केयर चैरिटेबल ट्रस्ट के तत्वावधान मे हज यात्रा महंगी होने व कुर्बानी की रकम अलग से लेने पर रोष व्यक्त किया गया।
उपनगरी सरायतरीन दरबार जामा मस्जिद के बाहर मे ट्रस्ट के प्रदेशाध्यक्ष नाजिश नसीर के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों ने हज यात्रा महंगी होने पर प्रदर्शन किया।
ट्रस्ट के प्रदेशाध्यक्ष नाजिश नसीर ने कहाकि हज कमेटी ने पिछले साल की तुलना मे इस साल हज का सफर महंगा करके आजमीनों की जैब पर अतिरिक्त बोझ डाल दिया है इस बार आजमीनों को कुर्बानी के लिए अलग से लगभग नौ हजार रुपए देने होंगे।
हज कमेटी ओफ इंडिया की हज की घोषित रकम मे हज यात्रा के लिए आजमीनों को पिछले साल की तुलना मे इस बार 30750 रूपए अधिक जमा करने होंगे
लखनऊ से हज यात्रा पर जाने वाले आजमीनों को इस बार ग्रीन श्रेणी के आवेदकों को 290850 रूपए और अज़ीज़िया श्रेणी के आवेदकों को 253800 रूपए अदा करने पड़ेंगे जबकि वर्ष 2018 मे ग्रीन श्रेणी 260100 रूपए और अज़ीज़िया श्रेणी मे 225950 रूपए जमा कराए गये थे। हिलाल सैफी ने कहाकि पिछले कुछ सालों से कुर्बानी की रकम हज कमेटी के खाते मे जमा करने का भी नियम बनाया गया है इस नियम से पहले हाजी अपनी सहूलियत वह हैसियत के हिसाब से कुर्बानी किया करते थे कुछ हाजी सउदी अरब के इस्लामिक बैंक में कुर्बानी की रकम जमा करते थे कुछ हाजी कुर्बानी की सारी रस्में खुद ही पूरी करते थे मगर अब उनसे वह हक़ भी छीन लिया गया है हज कमेटी से हज किराया कम करने व आजमीनों को हज की रस्में खुद अदा करने की आज़ादी की भी मांग की गई।इस अवसर पर अकरम राईन,मु ज़ुबैर मु हिलाल ,मु ज़ैद, राशिद मन्सूरी,जावेद खान,मु परवेज़ सैफी, शाकिर हुसैन,मु इमरान,मु अबूजर आदि लोग मौजूद रहे

सम्भल अंतिम विकल्प से सय्यद दानिश की रिपोर्ट

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