प्रियंका गांधी का सियासी उफान हो रहा ठंडा: यूपी दौरा न होने से नहीं बन पा रही रणनीति

लखनऊ- प्रियंका गांधी को पूर्वी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की कमान सौंपे और पार्टी का महासचिव नियुक्त हुए दो सप्ताह से अधिक हो चुके हैं। लेकिन, अभी तक उन्होंने अपने क्षेत्र का दौरा नहीं किया है और ना ही कार्यकर्ताओं से मुलाकात की है। ऐसे में पार्टी का कैडर कन्फ्यूजन की स्थिति में है। यही हाल पश्चिमी उत्तर प्रदेश का भी है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की बागडोर पार्टी ने प्रियंका के साथ ही ज्योतिरादित्य सिंधिया को सौंपी है। लेकिन, ग्वालियर से सांसद सिंधिया ने भी अभी तक पश्चिमी यूपी का दौरा नहीं किया है। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का कार्यकर्ता अनिश्चितता की स्थिति में है। लोकसभा चुनाव सिर पर है और पार्टी का कार्यकर्ता तैयारियों तथा रणनीति को लेकर बेख़बर है।

यही नहीं प्रियंका गांधी के राजनीति में आगमन को लेकर जो हलचल जमीन पर मची थी वह अब शांत हो चुकी है। कार्यकर्ता अपने क्षेत्र में चुनाव की तैयारियों के लिए उनके दिशानिर्देश के इंतजार कर रहे हैं। हालांकि, पिछले महीने कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद ने पार्टी कैडर के साथ बातचीत की थी और राहुल गांधी की 10 रैलियों का खाका तैयार किया था। इस दौरान निर्धारित किया गया कि फरवरी के दूसरे सप्ताह में राहुल गांधी अपनी रैलियों का आगाज लखनऊ से करेंगे। सूत्रों के मुताबिक इस इस रैली की तैयारियों की जम्मेदारी प्रियंका और सिंधिया के जिम्मे थी।

उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष राज बब्बर ने कहा है, “हम प्रियंका गांधी का इंतजार कर रहे हैं। जल्द ही हम कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ बैठेंगे और आगे की रणनीति तैयार करेंगे।”

लखनऊ में एक कांग्रेस के एक नेता ने बताया, “हमें पता नहीं कि रैली कब शुरू होगी और हमें क्या करना है। आगे की रणनीति क्या होगी? जनवरी के शुरुआत में हमें बताया गया कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लखनऊ की रैली से चुनावी शंखनाद करेंगे। लेकिन, लग रहा है कि रैली को आगे टाला जा सकता है। हम सभी को प्रियंका गांधी का इंतजार है ताकि वह यहां पहुंचे और जरूर दिशानिर्देश दें।” पार्टी के नेता अजय कुमार लल्लू का कहना है, “अगर किसी को व्यक्तिगत रूप से कुछ परेशानी है तो उसे सम्मान के साथ सपोर्ट करना चाहिए। कार्यकर्ता काफी उत्साहित हैं और जल्द ही वह (प्रियंका गांधी) हमारे बीच होंगी। कार्यकर्ताओं की ऊर्जा दोगुनी हो जाएगी। कांग्रेस फ्रंट मोर्चे से विरोधियों को चुनौती देगी।”

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