तो गहलोत कैबिनेट में इन दिग्गजों की एन्ट्री तो पक्की: जानें मिनिस्टर रेस में कौन-कौन टॉप पर

जयपुर/राजस्थान- राजस्थान में नई सरकार वजूद में आ रही है। सूबे के सबसे दिग्गज नेता अशोक गहलोत 17 दिसंबर को मुख्यमंत्री पद की औपचारिक शपथ लेंगें। सीएम चहरे पर सस्पेंस ख़त्म होने के बाद अब सभी की नज़रें गहलोत की इस नई सरकार में बनाये जाने वाले मंत्रियों पर टिकी हुई हैं। किन चेहरों को मिलेगी कैबिनेट में एन्ट्री? क्या अनुभव के साथ नए चेहरों को भी मिलेगा मौका? किस पोर्टफोलियो में कौन नेता होगा सूट? कैबिनेट की ‘बनावट’ में डिप्टी सीएम सचिन पायलट की क्या और कितनी होगी भूमिका? ऐसे ही न जानें कितने ही सवाल कांग्रेस नेताओं या कार्यकर्ताओं को ही नहीं बल्कि अब तो प्रदेश की जनता तक की ज़बान पर हैं।हालांकि इन तमाम सवालों के जवाब भी दिन गुजरने तक सामने आ जाएंगे, लेकिन कुछ संभावित नाम ऐसे हैं जो कैबिनेट मंत्री बनाये जाने की रेस में सबसे आगे हैं। इन दिग्गजों के अनुभव, लम्बे सियासी सफर और गहलोत-पायलट खेमें के करीब होने सहित विभिन्न आधारों को देखते हुए इनका सरकार में कैबिनेट मंत्री बनना लगभग तय माना जा रहा है।
गहलोत मंत्रिमंडल की रेस के टॉप 23 नाम गहलोत सरकार में करीब 15 मंत्रियों को शपथ दिलाई जा सकती है। इनमें कई पुराने वरिष्ठ नेताओं को शामिल किए जाने की संभावना है।

ये बन सकते है मंत्री:-
1. कोटा उत्तर- शांति धारीवाल कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में शुमार। पैतीस साल का राजनीतिक अनुभव। प्रदेश में कई विभागों के मंत्री रहे 2. बीकानेर पश्चिम -बी.डी. कल्ला कांग्रेस की कई सरकारों में अहम विभागों के मंत्री रह चुके हैं। करीब चालीस साल से राजनीति में हैं। प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे हैं। वर्ष 1980 में पहली बार विधायक बने। छठी बार जीत कर आए हैं चुनाव 3. दीपेंद्र सिंह शेखावत विधानसभा के स्पीकर रहे हैं दीपेंद्र सिंह अब तक आठ बार चुनाव लड़े पांचवी बार बार चुनाव जीते हैं 4. हवामहल- महेश जोशी वर्ष 1998 में भी रह चुके विधायक पहले किशनपोल से जीते थे चुनाव 2009 में जयपुर से सांसद भी रहे हैं जोशी 5. सरदारशहर- भंवरलाल शर्मा सातवीं बार विधायक बने हैं शेखावत सरकार में भी मंत्री रहे कांग्रेस का ब्राह्मण चेहरा 6. खेतड़ी- डॉ. जितेंद्र सिंह पहली बार 1988 में उपचुनाव जीत विधायक बने पांचवी बार विधायक गहलोत सरकार में रहे मंत्री 7. नवलगढ़- राजकुमार शर्मा कांग्रेस का पहली बार मिला टिकट लगातार तीसरी बार चुने गए हैं राजस्थान विवि छात्रसंघ के अध्यक्ष रहे गहलोत सरकार में चिकित्सा राज्यमंत्री रहे 8. सीकर- राजेंद्र पारीक गहलोत सरकार मे मंत्री रहे कांग्रेस के तेजतर्रार नेताओं में शुमार 9. खंडार- अशोक बैरवा पहले तीन बार रहे विधायक अशोक गहलोत सरकार में पहले राज्यमंत्री और बाद में केबिनेट मंत्री रहे चौथी बार बने हैं विधायक 10. केकड़ी- डॉ. रघु शर्मा हाल ही उपचुनाव जीतकर अजमेर से सांसद हैं सरकारी उपमुख्य सचेतक भी रहे। 11. बायतू- हरीश चौधरी वर्ष 2009 में बाड़मेर से लोकसभा चुनाव जीते। कांग्रेस संगठन में राष्ट्रीय सचिव विधानसभा चुनाव घोषणा पत्र समिति के अध्यक्ष रहे पहली बार विधानसभा चुनाव जीता 12. गुढ़ामलानी- हेमाराम चौधरी छठी बार विधायक बने हैं नेता प्रतिपक्ष भी रह चुके गहलोत सरकार में मंत्री भी रहे 13. बागीदोरा- महेंद्रजीत मालवीया तीसरी बार लगातार जीत कर आए हैं अशोक गहलोत सरकार मे मंत्री रहे। बांसवाड़ा से लोकसभा सदस्य भी चुने गए। आदिवासी नेता के रूप में पहचान हैं। 14. सांगोद- भरतसिंह गहलोत सरकार में मंत्री रहे। राजनीतिक अनुभव 35 साल का। पिछली बार हार गए थे चुनाव 15. अंता -प्रमोद जैन भाया गहलोत सरकार में मंत्री भी रहे 16. झुंझुनूं- बृजेंद्र ओला वर्ष 2008 में वे गहलोत सरकार में मंत्री बने। कांग्रेस के दिग्गज शीशराम ओला के पुत्र लगातार तीसरी बार विधायक बने हैं। 17. झोटवाड़ा -लालचंद कटारिया केन्द्र में मंत्री रहे हैं वर्ष 2009 में लोकसभा के लिए चुने गए दूसरी बार बने हैं विधायक 18. लालसोट- परसादीलाल मीणा कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में शुमार वर्ष 2008 में जीते थे निर्दलीय गहलोत सरकार में बने थे मंत्री छठी बार जीते हैं मीणा 19. सिविल लाइंस -प्रतापसिंह खाचरियावास छात्र राजनीति से पायदान चढ़े कांग्रेस टिकट पर लोकसभा चुनाव भी लड़ चुके 2004 में 2008 अशोक लाहोटी को हरा कर पहली बार बने विधायक दूसरी बार करेंगे सिविल लाइंस का प्रतिनिधित्व 20. देवली-उनियारा- हरीश मीणा वर्ष 2014 में पहली बार दौसा से लोकसभा का चुनाव लड़ा। अपने भाई नमोनारायण मीणा को ही किया परास्त। पूर्व डीजीपी की क्षेत्र में मीणा नेता की पहचान 21. सपोटरा- रमेश मीणा उपनेता प्रतिपक्ष रहे हैं पिछली बार किरोड़ी लाल मीणा की पत्नी को हराया मीणा समुदाय के नेता 22. लक्ष्मणगढ़ – गोविंद सिंह डोटासरा पिछली सरकार में कांग्रेस विधायक दल के सचेतक रहे विपक्ष में रहते दमदार तरीके से रखी सदन में बात सरकार को लगातार घेरते रहे सदन में 23. बानसूर- शकुंतला रावत कां
ग्रेस की अकेली महिला विधायक थीं पिछली बार बानसूर से लगातार दूसरी बार चुनाव जीती पार्टी का महिला चेहरा

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