योगी के गढ़ में अखिलेश का पलटवार!योगी को बनाया निशाना

गोरखपुर- सपा-बसपा के साथ आने पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को गोरखपुर में एक रैली में कहा- ‘जैसे कोई तूफान आता है तो सांप और छछूंदर एक साथ मिल कर खड़े हो जाते हैं। यही स्थिति दोनों दलों की है। ये गठबंधन विकास विरोधी है।’ अब समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गोरखपुर में एक जनसभा में पलटवार करते हुए कहा-“पता नहीं क्या बात है कि हम और आप अब सांप-छछूंदर बन गए हैं। मैं भी 1999 से राजनीती कर रहा हूं और जो लोग सांप और छछूंदर की बात कर रहे हैं उन्हें मैंने सदन में गूंगा बैठे हुए और टीवी पर रोते हुए सबने देखा है”। अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी कैंडिडेट प्रवीण कुमार निषाद के समर्थन में गोरखपुर में रैली करने पहुंचे ।
उन्होंने कहा, मैं और सपा के प्रत्याशी दोनों ही इंजिनियर हैं। साथ ही जिन दलों ने उन्हें समर्थन दिया है। उन सबको बधाई देता हूँ। अखिलेश ने जनसभा में ऑक्सीजन काण्ड की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि सपा ने जान जाने की घटना को जाति धर्म के नाम पर नही देखा। अखिलेश ने कहा कि मेडिकल कॉलेज गोरखपुर को सपा सरकार को हमने 500 बेड का अस्पताल बनाने का पैसा दिया। बीजेपी ने कितना दिया बताये। सड़कों के विकास के लिया कितना फंड बीजेपी ने दिया। एयरपोर्ट हमने दिया। माताओं की समाजवादी पेंशन छीन लिया। भाजपा सरकार में भ्रष्टाचार इतना बढ़ गया है कि अब उसके मंत्री ही पोल खोल रहे हैं।
*विधानसभा में भी योगी ने सपा पर साधा था निशाना*
मंगलवार को विधानसभा सत्र के दौरान दिए अपने भाषण में सीएम योगी ने सपा पर पुरजोर हमला किया। उन्होंने कहा कि त्रिपुरा में हमने लाल झंडे को दबा दिया है और प्रदेश की बारी है। यहां लाल टोपी को दबा देंगे। उन्होंने केसरिया को डेवलपमेंट का प्रतीक बताते हुए कहा कि अब भगवा का समय आ गया है।
सपा का नाम लेते हुए सीएम ने चेताया कि वे अपनी तोड़क नीति अपने तक ही सीमित रखें।
बोले “भारत तो नहीं टूटेगा लेकिन भारत को तोड़ने वाले को जरूर तोड़ देंगे। प्रदेश और देश को तोड़ने का प्रयास किया जाएगा तो दंडकारी नीति से निपटेंगे। भारत अखंड था और अखंड रहेगा।
*रविवार को मायावती ने दिया था सपा कैंडिडेट को समर्थन*
रविवार को मायावती ने उपचुनावों में सपा कैंडिडेट को समर्थन देने का एलान किया था। मायावती ने एएनआई को बताया- “मैं कहना चाहूंगी कि एसपी और बीएसपी का कोई गठबंधन होगा तो गुपचुप तरीके से नहीं होगा, बल्कि खुलकर होगा। किसी पार्टी से भी गठबंधन होगा तो मीडिया को सबसे पहले बताया जाएगा। फूलपुर और गोरखपुर में जो चुनाव हैं, उनमें बीएसपी ने अपने उम्मीदवार मैदान में नहीं उतारे हैं। इसका ये मतलब नहीं है कि हम वोट डालने नहीं जाएंगे और हम वोट डालने जरूर जाएंगे। ऐसा मैंने पार्टी के लोगों को दिशा निर्देश दिए हैं।”
“यूपी में हाल ही में होने वाले राज्यसभा चुनावों में बीजेपी के उम्मीदवारों को हराने के लिए अगर वोट ट्रांसफर कर दिया जाता है तो ये गठबंधन नहीं होता है।”
“हमारी पार्टी में अभी इतने विधायक नहीं हैं कि हम खुद से चुनकर अपना मेंबर राज्यसभा भेज दें और ना ही समाजवादी पार्टी के पास इतने मेंबर हैं कि वो अपने दो लोगों को राज्यसभा भेज सके। इसलिए हमने तय किया है कि हम उनका एमएलसी बना देंगे और वो अपने वोट हमें ट्रांसफर कर देंगे, ताकि हम राज्यसभा में अपना सदस्य भेज सकें।
*25 साल बाद साथ आई सपा-बसपा*
इससे पहले 1993 विधानसभा चुनाव में गठबंधन हुआ था। इसने शानदार जीत दर्ज की थी। मुलायम सिंह यूपी के सीएम बने। आपसी खींचतान के चलते 2 जून, 1995 को बीएसपी ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। इससे मुलायम सिंह की सरकार अल्पमत में आ गई थी।

उपचुनाव में कौन-कौन कैंडिडेट्स हैं?

-गोरखपुर सीट से पहले सीएम योगी आदित्यनाथ और फूलपुर से डिप्टी सीएम केशवप्रसाद मौर्य सांसद थे। बीजेपी ने गोरखपुर से उपेंद्र दत्त शुक्ला और फूलपुर से कौशलेंद्र पटेल को कैंडिडेट बनाया है।
-एसपी ने गोरखपुर सीट के लिए निषाद पार्टी और पीस पार्टी से गठबंधन किया है। यहां से निषाद पार्टी के इंजीनियर प्रवीण कुमार निषाद एसपी के सिंबल पर चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, फूलपुर सीट से एसपी ने नागेन्द्र प्रताप सिंह पटेल को उम्मीदवार बनाया है।
-कांग्रेस ने गोरखपुर से डॉक्टर सुरहिता करीम और फूलपुर से मनीष मिश्रा को मैदान में उतारा है।

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