राजस्थान के रण में भाजपा की ओर मुड़ती सत्ता की हवाएं

जयपुर/राजस्थान – राजस्थान के रण में कांग्रेस की जीत की राह अब इतनी आसान नहीं रही, जितनी उन्होंने सोची थी। शुरुआती दौर में पूर्ण बहुमत से बनती नजर आ रही कांग्रेस पार्टी के हाथ से जीत फिसलती हुई नजर आ रही है। कुछ समय पहले तक भले ही कांग्रेस पार्टी सरकार बनाने का दावा कर रही हो लेकिन पिछले 15 दिनों में भाजपा सरकार की ताबड़तोड़ रैलियों और बागियों को मनाने में मिली सफलता ने मरुधरा में बाजी पूरी तरह से पलट दिया है। यह बात कांग्रेस के इंटरनल सर्वे में भी सामने आई है।
कांग्रेस की ओर से हुए इस सर्वे में सबसे चिंताजनक बात यह है भाजपा न सिर्फ कांग्रेस को कड़ी टक्कर देते हुए अपनी बढ़त बना रही है बल्कि सभी मिथकों को तोड़ते हुए राजस्थान में दोबारा पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने की ओर अग्रसर है। इसमें सबसे बड़ा हाथ राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैलियों का है। इसके अलावा कांग्रेस में सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच में बढ़ता टकराव सबसे बड़ी चिंता का विषय है। इस टकराव से पार्टी और कांग्रेस समर्थकों में भी रोष बढ़ा है। कांग्रेस पार्टी में कार्यकर्ताओं में भारी निराशा का माहौल है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि शुरू में जहां कांग्रेस को 130 सीटें और भाजपा को महज 50 सीटें मिल रही थीं, वहीं अब यह आंकड़ा अब एकदम उलट हो गया है। भाजपा के मजबूत संगठन की बदौलत प्रदेश में नए सर्वे के अनुसार 107 से 115 सीटों के बीच दिखाया जा रहा है और कांग्रेस अब 80 सीटों पर सिमटती नजर आ रही है।
खास बात यह है कि प्रचार के लिए कांग्रेस के पास सचिन पायलट, अशोक गहलोत और राहुल गांधी के अलावा दूसरा कोई चेहरा नहीं है। इसमें भी कई विधानसभा में कांग्रेस के प्रत्याशियों ने पायलट और गहलोत के उनकी विधानसभा में चुनाव प्रचार के लिए आने का विरोध किया है। कांग्रेस के पास ऐसा कोई बड़ा चेहरा नहीं है, जो वोटर्स को लुभा सके। वहीं भाजपा अपने स्टार प्रचारक नरेंद्र मोदी, अमित शाह, योगी आदित्यनाथ और राजनाथ सिंह समेत कई दिग्गज नेताओं की मदद से वोटर्स को लुभा रही है। भाजपा जनता को यह यकीन दिलाने में कामयाब रही है कि उन्होंने काम किया है लेकिन उसका प्रचार करने में पीछे रही है। भाजपा की मजबूती इसी बात से लगाई जा सकती है कि प्रतिदिन भाजपा की ओर से 10 से 15 रैलियां की जा रही हैं, जिसमें अच्छी खासी भीड़ इकट्ठा हो रही है। इन रैलियों का व्यापक स्तर पर वोटरों पर प्रभाव पड़ा है। यही कारण है कि राजस्थान के रण में फिजाओं का रुख भाजपा की ओर उड़ता हुआ नजर आ रहा है।

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