दरगाह प्रबंधन की इस पहल पर अकीदतमंदों ने कहा शुक्रिया

कलियर/रूडकी- दरगाह साबिर पाक के करोड़ो अकीदतमंद देश ही नही विदेशो में भी बढ़े (सम्मान) से अदब अहतराम से साबिर पाक का नाम लेकर पुकारते है लेकिन पिछले कुछ सालों से दरगाह साबिर पाक में सब कुछ ठीक नही चल रहा है। बड़े बुजुर्ग बताते है कि दरगाह साबिर पाक में देश विदेशो से अकीदतमंद बढे अदब अहतराम से अपनी अपनी मुराद लेकर आते थे। जिसमे कुछ अकीदतमंद बीमार,जिन्नात, ओपरी हवा, प्रेत से पीड़ित होते थे क्योंकि दरगाह साबिर पाक की धरती पाक साफ है और यहाँ पर अल्लहा के वलियों की दरगाह है।

ऐसी मान्यता है कि जो अकीदतमंद यहाँ पर अदब से आकर कुछ दिन यही पर रहकर दुआ करता था। उसकी दुआ अल्लहा तआला के रहमोकरम से पूरी होती थी और पीड़ित अपनी बीमारी से फैज पाते थे। लेकिन पिछले कुछ सालों से दरगाह साबिर पाक के आस पास सैकड़ो की तादाद में बाहरी लोगों ने कथित तरीके से सूफियो का चोला पहनकर देश के कोने कोने से आये अकीदतमंदों को अपने जाल में फंसा कर अपनी अपनी दुकान खोल ली है और बाहर से आने वालों जायरीनों को गुमराह करके दूसरे रास्ते पर चलने को मजबूर कर दिया है। ये कथित सूफी जायरीन को इतने गुमराह कर देते है कि जैसे कथित सूफी इनको बोलेगा ऐसे ही ये जायरीन करते है।

जायरीन दरगाहओ में अंदर मेन अहाते में जाकर ऐसी हरकत करते है जैसे बाल खोलकर झूमना,भागकर चलना, अहाते में बैठकर किसी को भी गाली देना, किसी भी महिला की चूड़ियों तोड़ना, ये सब हाजरी के नाम हरकत करते है। पूर्व में कई बार दरगाह साबिर पाक में कई बड़ी बड़ी घटनायें हो चुकी है। जैसे डियूटी पर तैनात दरगाह कर्मियो की साथ बदसलूकी, गाली गलौच करना, इस तरह की हरकत किसे के भी साथ करना इनकी आदत में शुमार हो गया था। पूर्व में एक बार प्रवीन नामक महिला दरगाह कर्मी ने जायरीन के द्वारा गलत हरकत करने पर उसको रोकने पर महिला कर्मी के पेट मे चाकू घोप दिया गया था। ऐसी हरकत पुलिस कर्मियो,मीडिया कर्मियो,अन्य अकीदतमंदों के साथ बदसलूकी कर चुकी है ये सब घटना के साथ साथ भी ऐसी दर्जनों घटनाएं सामने आ चुकी है।

कथित सूफियो की शिकार ज्यादातर कुँवारी लड़कियों के साथ साथ अन्य महिलाओं को ही निशाना बनाते है और अपना उल्लू सीधा करते है। ऐसा नही है पूर्व में कभी इन कथित सूफियो व गलत तरीके से हाजरी के नाम पर अन्य लोगो से बदसलूकी करने वाले जायरीनों के खिलाफ किसी अकीदतमंद ने आवाज नही उठाई हो लेकिन दरगाह प्रबंधन की लचर कार्य प्रणाली की वजह से करवाई के नाम पर सिर्फ और सिर्फ सांत्वना ही मिली है। लगभग 2 हफ्ते पूर्व किसी कथित सूफी के द्वारा दिल्ली की गर्भवती महिला जायरीन को गुमराह करके कहा गया की अगर तुम अपने बच्चे को दरगाह के अंदर जन्म देती है तुम्हारा बच्चा जिन्दा जन्म लेगा है और बच्चा बच जायेगा लेकिन उस कथित सूफी को ये नही पता कि जो अल्लहा चाहेगा वही होगा पर इन जैसे सूफियो को सिर्फ अपनी दुकान चलाने से मतलब होता है।

अकीदतमंदों के द्वारा अब फिर से इन कतिथ सूफियों व गलत तरीके से हाजरी के नाम पर दरगाह के अंदर बेअदबी करने वालो के खिलाफ आवाज उठाई है। वही वक़्फ़ बोर्ड सीओ अलीम अंसारी का कहना है कि दरगाह में अंदर जायरीनों के द्वारा गलत तरीके से हाजरी लगाते है उनको कहा गया है कि सिर्फ़ दरगाह के मेन अहाते के बाहर एक जगह बेठकर हाजरी की रस्म को अदा करे और रात को दरगाह के अंदर किसी भी जायरीन को रुकने की इजाजत नही है. रात को डियूटी पर तैनात दरगाह कर्मियो को सख्त आदेश दिया है कि अगर रात को कोई भी जायरीन हाजरी के नाम पर दरगाह के अन्दर पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त करवाई अमल में लाई जायेगी।।

वही दरगाह साबिर पाक व साबरी जामा मस्जिद के मौजम अब्दुल सलाम ने कहा है कि सीओ वक़्फ़ बोर्ड अलीम अंसारी के आदेश पर अलाउंस मेन्ट के द्वारा सभी जायरीनों को कहा जाता है कि अपनी हाजरी सिर्फ बैठकर पूरी करे और दरगाह परिसर में किसी को भी रात को दरगाह के अंदर रुकने की इजाजत नही है। ऐसी महिलाओ जायरीनों की शिकायत मिल रही थी की इन महिला जायरीनों की वजह से दरगाह के अन्दर असामाजिक तत्वओ जमावड़ा लगा रहता है। जिससे दरगाह की बेअदबी होती है। इसी लिये रात को किसी को भी रुकनी की इजाजत नही होगी।
– रूडकी से इरफान अहमद की रिपोर्ट

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