*अपने बदहाली पर आँसू बहा रहा है जंसा का यह स्वास्थ्य उपकेंद्र
*सरकारी अस्पताल खुद पड़ा बीमार आखिर कैसे करेगा मरीजो का देखभाल
वाराणसी/जंसा -प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र आराजी लाइन विकास खण्ड के जंसा गाँव मे बना स्वास्थ्य उपकेंद्र विकास से कोषों दूर है जी हाँ हम बात कर रहे है लगभग पाँच हजार की आबादी वाले ग्राम पंचायत जंसा में स्वास्थ्य सेवाओं की जहाँ स्वास्थ्य उपकेंद्र की हालत बेहद खराब है।गाँव में स्वास्थ्य उपकेंद्र होने के बावजूद यहाँ लोगों को किसी तरह की सुविधा देखने को नहीं मिलती।आलम ये है कि 35 साल से निर्मित इस भवन में आज तक एक भी गर्भवती महिला की डिलीवरी नहीं हो सकी है।वहीं उचित रखरखाव के अभाव में भवन भी जर्जर होता जा रहा है।बताया जाता है की स्वास्थ्य महकमे से एक संविदा एनएनएम वन्दना देवी की तैनाती है जिनकी जिम्मेदारी गर्भवती महिलाओं का समय से टीकाकरण करने के साथ ही उनकी सेहत के बारे में समय-समय पर जानकारी देना है लेकिन वे अपनी मर्जी की मालिक हैं और यदा कदा ही गाँव में और अस्पताल में दिखती हैं।वही जंसा ग्राम पंचायत के स्वास्थ्य उपकेंद्र पर तैनात संविदा एएनएम वन्दना देवी ने बताया कि हम बुधवार को टीकारण और पोलियो के दिन आते है हमारी ड्यूटी जगरदेवपुर मातलदेई पीएचसी में भी लगी रहता है गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण के लिए गाँव की आशा जाती है या अपने घर बुलाकर लगाने का कार्य करती है।ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने कई बार इस संबंध में मुख्य चिकित्साधिकारी से शिकायत भी की लेकिन उन्होंने इस मामले को गंभीरता से संज्ञान में लेना भी उचित नहीं समझा।एएनएम की इस लापरवाही और अस्पताल की इस बदहाली की वजह से लोग प्राइवेट अस्पतालों की शरण में जाने को विवश हैं।इतना ही नहीं भवन निर्माण के इतने सालों बाद भी यहां कोई सरकारी डॉक्टर या सलाह देने वाला नहीं दिखता है बल्कि भवन में अवैध रूप से शाम ढलते ही जुआरियो और शराबियो का महफिल सज जाती है।एक ओर जहाँ ये स्वास्थ्य उपकेंद्र अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है वहीं गर्भवती महिलाओं,बच्चों और गंभीर बीमारियों के लिए उचित इलाज और सलाह न मिलने पर लोगों काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।ग्रामीणों ने जिला प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराते हुए जल्द से जल्द इस बन्द पड़े स्वास्थ्य उपकेंद्र को चालू कराने की माँग की है।
रिपोर्ट-:एस के श्रीवास्तव विकास वाराणसी